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Sunday, 18 June 2017

किसान और चट्टान

एक किसान था, वह एक बड़े से खेत में खेती किया करता था, उस खेत के बीचो-बीच पत्थर का एक हिस्सा ज़मीन से ऊपर निकला हुआ था जिस्से ठोकर खाकर वह कई बार गिर चूका था और ना जाने कितनी ही बार उस्से टकराकर खेती के औजार भी टूट चुके थे

रोजाना की तरह आज भी वह सुबह-सुबह खेती करने पंहुचा पर जो सालों से होता आ रहा था वही हुआ, एक बार फिर किसान का हल पत्थर से टकराकर टूट गया

किसान बिलकुल क्रोधित हो उठा, और उसने मन ही मन सोचा की आज जो भी हो जाए वह इस चट्टान को ज़मीन से निकल कर इस खेत के बाहर फ़ेंक देगा

वह तुरंत भागा और गाँव से 4-5 लोगो को बुला लाया और सभी को लेकर वह उस पत्थर के पास पहुँचा "मित्रों", किसान बोला, "ये देखो ज़मीन से निकले चट्टान के इस हिस्से ने मेरा बहुत नुकसान किया है, और आज हम सभी को मिलकर इसे जड़ से निकलना है और खेत के बाहर फ़ेंक देना है"

और ऐसा कहते ही वह फावड़े से पत्थर के किनारे वार करने लगा, पर ये क्या ! अभी उसने एक-दो बार ही मारा था की पूरा का पूरा पत्थर ज़मीन से बाहर निकल आया साथ खड़े लोग भी अचरज में पड़ गये और उन्ही में से एक ने हँसते हुए पूछा, "क्यों भाई, तुम तो कहते थे कि तुम्हारे खेत के बिच में एक बड़ी सी चट्टान दबी हुई है, पर ये तो एक मामूली सा पत्थर निकला ??"

किसान भी आश्चर्य में पड़ गया सालों से जिसे वह एक भारी-भरकम चट्टान समझ रहा था दरअसल वह बस एक छोटा सा पत्थर था !! उसे पछतावा हुआ की काश उसने पहले ही इसे निकालने का प्रयास किया होता तो ना उसे इतना नुकसान उठाना पड़ता और ना ही दोस्तों के सामने उसका मज़ाक बनता

शिक्षा:- इस किसान की तरह ही हम भी कई बार ज़िन्दगी में आने वाली छोटी-छोटी बाधाओं को बहुत बड़ा समझ लेते है और उनसे निपटने की बजाये तकलीफ उठाते रहते हैं ज़रूरत इस बात है कि हम बिना समय गवाये उन मुसीबतों से लड़े, और जब हम ऐसा करेंगे तो कुछ ही समय में चट्टान सी दिखने वाली समस्या भी एक एक छोटे से पत्थर के समान दिखने लगेगी, जिसे हम आसानी से ठोकर मार कर आगे बढ़ सकते है

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